
प्राकृतिक साँस और पक्षी सेवा अभियान
पर्यावरण प्रदूषण, बढ़ते तापमान और घटती हरियाली को देखकर मुझे यह महसूस हुआ कि अगर हर व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाए तो एक बड़ा बदलाव संभव है।
स्पाइडर प्लांट्स (जो वायुमंडल में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं) को पुराने बर्तनों, काँच के गिलासों, मग्स और मिट्टी के गमलों में लगाया। ये सभी गमले मैंने घर में पहले से उपलब्ध अनुपयोगी वस्तुओं से पुनः उपयोग कर तैयार किए। इसके साथ ही, मैंने पक्षियों के लिए एक पुराना परिंडा (पानी का पात्र) साफ किया और उसमें ताज़ा जल भरकर ऐसी जगह पर रखा जहाँ पक्षी आसानी से आकर पानी पी सकें, विशेषकर इस भीषण गर्मी के मौसम में।
पर्यावरण की सेवा करना कोई कठिन कार्य नहीं है — यह हम घर में उपलब्ध संसाधनों से भी कर सकते हैं। पुनः उपयोग (reuse) की भावना को अपनाकर हम अपशिष्ट को भी उपयोगी बना सकते हैं। हर पौधा जो हम लगाते हैं, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ हवा का स्रोत बनता है।