
शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा ।शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
अर्थ: दीपक के प्रकाश को में नमन करता हूं जो वातावरण में शुभता, स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है। जो वातावरण और मन से अनैतिक भावनाओं व नकात्मक शक्ति को नष्ट करता है। इस दीपक को जलाने से सभी शत्रु भाव का नाश हों
दीप प्रज्वलन
जीवन को मिली संकल्प की रौशनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्नान पर पूरे देश में दीये जलाए गए। कहीं दीप जले तो कहीं कैंडल, कहीं लोगों ने मोबाइल टॉर्च से रौशनी की तो कहीं घर के दरवाजे पर इमरजेंसी लाइट जलाई गई। बड़े शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने शारीरिक दूरी बनाकर दीप जलाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक आवाज पर जैसे दीपावली मनाई। घर-घर में दीयों की लड़ी फुलझड़ियों जैसी जल उठी। हर किसी ने जीवन के लिए प्रकाश रूपी संकल्प लिया। देश को कोरोना के संक्रमण से खुद को बचने और दूसरों को बचाने के लिए देश के साथ खड़े होने की कसम खाई।
घर-घर दीप, गली-गली रोशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रात नौ बजे कोरोना की आशंका और निराशा के घोर अंधेरे को मिलकर हराने के लिए रविवार की रात रांची फिर उठ खड़ी हुई। जैसे ही घड़ी की सुई ने रात नौ बजाई वैसे ही शहर दीपावली की तरह दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। घर-घर में आशा के दीप जले, बेहतर कल की उम्मीद में गली- गली चमक उठे। दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सबने राष्ट्र की एकता में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। यह दूसरा मौका था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोग कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे योद्धाओं का आभार जताने के लिए खड़े हुए। लोगों ने दीये के साथ-साथ मोबाइल व टॉर्च की रोशनी से देश के सामूहिक संघर्ष को अपना समर्थन जताया। आम और खास की भावनाओं से अलग होकर सबने अपने अपने तरीके से इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है।
इसे स्पष्ट करने के लिए, 5 अप्रैल को रात 9 बजे, उन्होंने कहा कि नागरिक नौ मिनट के लिए सभी लाइट बंद कर देते हैं और लैंप या टॉर्च या सेलफोन फ्लैश लाइट जलाते हैं।
हम (स्काउट, गाइड, रोवर और रेंजर्स) ने कुछ दीयों को चमकाते हुए जागरूकता फैलाई।
या दीप जलाते समय संदेश को बनाए रखने के साथ संदेश को फैलाना।
यदि आप उस समय सभी रोशनी बंद कर देते हैं, और इन वस्तुओं को प्रकाश देते हैं, तो प्रकाश का अनुभव और इसकी ओर जाना केंद्रित होगा।
यह यह भी प्रदर्शित करेगा कि हम अकेले नहीं हैं। कि हममें से कोई भी अकेला नहीं है।
जयेश्वर प्रजापत
रोवर मेट 58 वा रोवर क्रू, ऐश्वर्या महाविद्यालय जोधपुर
राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड
मंडल मुख्यालय जोधपुर।