
सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम
हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां )में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभावित होंगी वृक्षों की जड़ों से वर्षा ऋतु का जल धरती के अंक में पोहचता है यही जल स्त्रोतों में गमन करके हमें अपर जल राशि प्रदान करता है वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व भी है क्योंकि वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी संतुलित बनाए रखता है वृक्षारोपण हमारे जीवन में राहत और सुखचैन प्रदान करता है.
ग्रामीण हाट आबूसर में किया पौधारोपण
झुंझुनू, 12 जुलाई जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को पौधारोपण किया गया। सीओ स्काउट महेश कालावत ने बताया कि इस दौरान नीम व बील के 101 पौधे लगाकर उनको जीवित रखने हेतु संकल्प लिया गया। पौधारोपण कार्यक्रम में सरपंच आबूसर रणवीरसिंह, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबन्धक रीको जे.पी.शर्मा, उप निदेशक आईसीडीएस विप्लव न्यौला, सहायक निदेशक सांख्यिकी विभाग बाबूलाल रैगर, राजस्थान वित्त निगम से विजय माथुर, सीओ स्काउट महेश कालावत एवं टीम, जिला खेल अधिकारी राजेश ओला, मनोहर बाकोलिया, डॉ. रशीद सहित जिला उद्योग केन्द्र का स्टाफ मौजूद रहा। तथा mop जिला कोअॉर्डिनेटर सौरव केडिया तथा रोवर रेन्जर ने कार्यक्रम को सफल बनाया ।।