MENSTRUATION HYGIENE DAY

MENSTRUATION HYGIENE DAY

पहले के जमाने में इस विषय पर कोई भी खुलकर बात नहीं करता था और न ही चाहता था कि इतना बेबाकी से इस विषय पर दूसरे उनसे खुलें। महिलाओं को अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया के बारे में समय से पहले बताया ही नहीं जाता था तो उनके मानसिक रूप से तैयार होने और स्वच्छता बनाए रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उल्टा उस स्थिति में उनसे, यह मत करो, वह मत करो। मंदिर मत जाओ, अचार मत छुओ। एक जगह बैठो, ऐसा सब कहा जाता था। जो बहुत ही अजीब और बुरी लगती थी, लेकिन उन्हें झेलना पड़ता था। हालांकि आज फिर भी इन टैबू पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है लेकिन आज भी गांव-देहात की महिलाएं मासिक धर्म को लेकर भ्रांति में जी रही हैं। उनमें न तो जागरूकता है 
मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। जिस पर घर और समाज में खुलकर बात की जाए तो इस दौरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सकता है। जिसके लिए हमें एक माहौल बनाना होगा और पुरानी परंपरागत सोच को बदलना होगा। यह स्वच्छता महिलाओं को रखेगी स्वस्थ और देगी विश्वास आगे बढ़ने का, कभी नहीं रुकने का और डर को जड़ से खत्म कर देने का

Started Ended
Number of participants
1
Service hours
30
Location
India
Topics
Youth Programme
Legacy BWF

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