मेरा गांव प्लास्टिक मुक्त
मुझे इस प्रोजेक्ट को करने के लिए लोकल कोऑर्डिनेटर ने प्रोत्साहित किया की मैं अपने गांव के स्कूलों में जाकर प्लास्टिक को अवॉइड करने के बारे में जानकारी दो।
मैं इस प्रोजेक्ट को करने के लिए अपने गांव के राजकीय विद्यालय को चुना मैंने पहले वहां जाकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक से परमिशन ली की मैं प्रतिदिन 2 घंटे आकर बच्चों को प्लास्टिक को कम करने के बारे में जानकारी दूंगा मैंने बच्चों को सबसे पहले प्लास्टिक से होने वाले रोग और प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाले हानिकारक गैस के बारे में बताया उन्हें 3 आर के बारे में बताया। बच्चों को एम गांव के लोगों को कपड़े के थैलों का उपयोग करने के बारे में प्रेरित किया।
मैंने सीखा की किस तरीके से हम प्लास्टिक को काम कर सकते हैं और ऐसी कौन से बेहतर तरीके हैं जो हमें प्लास्टिक को ना यूज करने के बारे में प्रेरित करते हैं