आवाजों को सशक्त बनाओ
बामणियावाला में मनाया अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
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थीम : आवाजों को सशक्त बनाना "
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राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बामणियावाला में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्काउट यूनिट लीडर भंवरलाल कटारिया ने बताया कि इस वर्ष 10 दिसंबर, 2024 को मानवाधिकार दिवस "सभी के लिए सम्मान, स्वतंत्रता और न्याय" और मानवाधिकार को बढ़ावा देने के रूप में मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने माना है कि "कहीं का भी अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा है।" संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में मानव के वे बुनियादी अधिकार हैं जो हमें अपनी सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए दिए गए हैं। वे सार्वभौमिक हैं, जिसका अर्थ है कि वे जाति, लिंग, आयु या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना , बिना किसी अपवाद के सभी पर लागू होते हैं। और सभी को समानता का संरक्षण मिलता है
यह दिवस लोगों के लिए मानवाधिकारों के महत्व को याद रखना आसान बनाता है। यह एक ऐसा दिन है जो उन लोगों के संघर्षों और बलिदानों को पहचानता है । आज भी कई देशों के अंतर्गत पूर्वाग्रह से ग्रसित कुछ विचारधारा जो मानवाधिकारों के आगे पहाड़ के रूप में खड़ी हम सभी रिस्पांसिबल नागरिकों का दायित्व बनता है की हास्य पर खड़े लोगों गले लगाते उन्हें अपने अधिकारों के लिए हमें प्रेरित करना आज का यह दौर हम सबके लिए वंचित और हास्य पर खड़े तबके को आगे लाने का है तभी पूरा विश्व सशक्त होगा और विश्व में शांति के बिना विकास में और विकास के बिना शांति नहीं।
इस वर्ष का थीम है "आवाज़ों को सशक्त बनाना: समानता और न्याय की वकालत करना।" आज भी कई देशों के अंतर्गत पिछड़े इलाकों में गरीब तबकों की आवाज दबी की दबी रह जाती है आखिर आवाजों कौन बल देगा ?आज हम हाशिए पर पड़ी आवाज़ों को सुनने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर ज़ोर देते है। तथा सभी को अपने अधिकारों की वकालत करने का अवसर के साथ सभी वयस्क लोगों से हाथ मिलाने की अपील करते है और उन्हें इस शुभ अवसर पर प्रेरित करते है।
इस अवसर पर स्कूल छात्रों में मैसेंजर्स आफ़ पीस का सिंबल बनकर शांति का संदेश दिया ।